पिता दिवस या फादर्स डे ( Father’s Day ) कब क्यों कैसे

कब और कैसे मनाते हैं पिता दिवस या फादर्स डे ( Father’s Day ):


हर वर्ष जून माह के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाते हैं और पिता के प्रति प्रेम व्यक्त करते हैं। इस दिन खास तौर पर अपने पिता के प्रति उनके द्वारा दिए गए लाड़ प्यार और उनके द्वारा की गई परवरिश के लिए उनको खास सम्मान देने के लिए मनाया जाता है ।

यह खास दिन उन लोगों के लिए अधिक मायने रखता है जो अपने पिता से अलग रहते हैं लेकिन ऐसा नहीं सोचना है कि सिर्फ एक दिन ही फादर्स डे को मनाकर ख़ुशी होती है, पिता हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। फादर्स डे पिता का सम्मान करने का दिन है।

एक पिता-पुत्र, या पिता-पुत्री का रिश्ता बहुत ही अंतरंग होता है और यह दिन इस रिश्ते को और मजबूत करता है। फादर्स डे हमें पिता के प्रति अपने प्यार, प्रशंसा कृतज्ञता को व्यक्त करने का अवसर देता है। यह दिन दुनिया भर में पिता के बलिदानों की सराहना करता है।

पिता रोटी है पिता कपड़ा है पिता मकान है पिता नन्हे से परिन्दे का बड़ा सा आसमान है

फादर्स डे ( Father’s Day ) की शुरुआत कैसे हुई ?


माना जाता है कि फादर्स डे सर्वप्रथम 19 जून 1910 को वाशिंगटन में मनाया गया। इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है सोनेरा डोड की।

सोनोरा के पिता एक सेवानिवृत्त सैनिक थे तथा उन्होंने अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद सोनोरा और उसके भाई बहन की अकेले परवरिश की थी

वाशिंगटन में सोनोरा डोड को सेंट्रल मेथोडिस्ट एपिस्कोपल चर्च के बिशप द्वारा मदर्स डे पर दिए गए एक धर्मउपदेश को सुनने के बाद लगा कि जब मदर्स डे है तो पिता दिवस भी होना चाहिए ।

फादर्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिका से हुई थी। वॉशिंगटन के स्पोकेन शहर में सोनोरा डॉड ने अपने पिता की याद में इस दिन की शुरुआत की थी।

सोनेरा डोड की मां का देहांत के बाद पिता विलियम स्मार्ट ने सोनेरो के जीवन में मां की कमी नहीं महसूस होने दी और उसे मां का भी प्यार दिया।

1966 में राष्ट्रपति लिंडन जानसन ने जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाने की आधिकारिक घोषणा की।1972 में अमेरिका में फादर्स डे पर स्थायी अवकाश घोषित हुआ।

फि‍लहाल पूरे विश्व में जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है। भारत में भी धीरे-धीरे इसका प्रचार-प्रसार बढ़ता जा रहा है।

पिता दिवस या फादर्स डे ( Father’s Day ) क्यों है महत्वपूर्ण:


पिता परिवार का मसीहा होता है। वह परिवार की भलाई के जिम्मेदार होता है। यह दिन पिता को प्यार दिखाने के लिए मनाया जाने वाला दिन है और यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि पिता वह व्यक्ति है जो अपने बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कार्यालय में अथक प्रयास करता है और फिर अपने बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करता है।
ऐसे सभी पिताओं की भावना का सम्मान करने के लिए हर साल फादर्स डे के रूप में एक विशेष दिन मनाया जाता है ताकि समाज में पिताओं के प्रयासों और योगदान को याद किया जा सके।

पिता को उनके सभी बिना शर्त प्यार, स्नेह, योगदान और बलिदानों के लिए धन्यवाद व्यक्त करने का अवसर देता है।

फादर्स डे मनाने के अलावा, बच्चे अपने पिता के करीब आते है। अक्सर बच्चे, अपने माँ-बाप से प्यार का इजहार करते है। फादर डे मनाने से उन्हें अपने जीवन में पिता की महत्वपूर्ण भूमिका याद आती है।

किसी नए बहुत ही सुन्दर कविता में लिखा है: 


पिता रोटी है पिता कपड़ा है पिता मकान है,
पिता ननेसे परिन्दे का बड़ा आसमान है,


पिता है तो हर घर मे हर पल राग है,
पिता से माँ चूड़ी है बिन्दी है सुहाग है,

पिता है तो बच्चों के सारे सपने है ,
पिता है तो बाज़ार में सारे खिलोने अपने है,

सुबह सवेरे घर से निकल जाते है
मेरे पापा दाना पानी लाते है ॥

खून पसीना एक करके कमाते है ॥
कभ जागते कभ सोते है पता नही ॥
किस वक्त कहा होते है पता नही ॥
एक अकेले घर का बोज उठाते है ॥
मेरे पापा दाना पानी लाते है ॥

खुद बीमार हो अपनी चिंता नही करते ॥
हम को छिक भी आये पापा बहुत डरते ॥
खुद दवाई लेने बागे जाते है ॥
मेरे पापा दाना पानी लाते है ॥

सब के पापा सुखी रहे खुशहाल रहे॥
चंचल बनके बच्चों की वो डाल रहे ॥
हर संकट से पापा हमें बचाते है ॥
मेरे पापा दाना पानी लाते है ॥

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