वर्ल्ड स्लीप डे World Sleep Day विश्व नींद दिवस
यदि आप देर रात तक जागते हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए है पूरा अवश्य पढ़ें
पहली बार सुनने पर बड़ा ही अजीब सा लगता है मगर ये सच है कि दुनियाभर में हर साल मार्च में मार्च विषुव से पहले वाले शुक्रवार को वर्ल्ड स्लीप डे World Sleep Day यानि कि विश्व नींद दिवस मनाया जाता है ।
चिकित्सकों का मानना है, कि प्रतिदिन 6 से 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है। लेकिन तकनीकी युग में मोबाइल और कंप्यूटर का अधिक इस्तेमाल लोगों के जीवन पर दुष्प्रभाव डाल रहा है।
आजकल युवाओं में शोशल मीडिया की वजह से मोबाइल इस्तेमाल का समय बढ़ा है कई खबरों पर तनाव लेने की वजह से उनमे नींद की समस्या हो रही है। देर रात तक चैटिंग की गलत आदत पड़ चुकी है।
नींद न आना एक समस्या है । अगर आपको अच्छे से नींद नहीं आती। लेटने के काफी देर बार नींद आती है। रात को बार-बार आंख खुलती है, नींद पूरी नहीं होती तो जान लें कि अधूरी नींद कई बीमारियों की जन्म दे सकती है।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में आसानी से नींद नहीं आती जिसका सीधा असर इंसान की सेहत पर पड़ रहा है। नींद की कमी के कारण लोगों को दिल की बीमारी, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज , वजन बढ़ने, याददाश्त कमजोर होना, सर दर्द जैसी कई समस्या हो सकती है ।
बदलती जीवनशैली और भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच नींद की कमी लोगों को रोगी बना रही है। पर्याप्त नींद की कमी से युवा तेजी से बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यदि स्वस्थ जीवन बिताना है तो प्रतिदिन 8 घंटे की नींद जरूरी है। दुनियाभर में कई करोड़ लोग स्लीप एप्निया यानी अच्छी नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं।
वर्ल्ड स्लीप डे मनाने का उद्देश्य
विश्व नींद दिवस हर साल मार्च में मनाया जाता है। इस दिन को इसलिए मनाते है ताकि लोगों को नींद की महत्ता के बारे में पता चल सके। वर्ल्ड स्लीप डे मनाने का उद्देश्य लोगों को 7-8 घंटे सोने से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में जागरूक करना है।
नींद जीवन मे उतनी ही ज़रूरी है जितना कि खाना , नींद की ज़रूरत और इसके महत्व के बारे में जानकारी होना अति आवश्यक है । नींद के प्रति लोगों को जागरूक करने को ही हर साल मार्च में मार्च विषुव से पहले शुक्रवार को वर्ल्ड स्लीप डे World Sleep Day यानि कि विश्व नींद दिवस मनाया जाता है ।
लोगों के लिए जरूरी है कि वे नींद के महत्व को समझें और नींद से संबंधित दिक्कतों को लेकर जागरूक रहें। नींद की कमी के कारण वजन बढ़ने के साथ, दिमाग और सेहत पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है ।
एक दिन में कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद ज़रूर लें। नींद पूरी ना होने पर इसका सीधा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है।
नींद पूरी न हो पाने का नुकसान
अगर आप नींद न आने से परेशान हैं तो सावधान हो जाएँ क्योंकि अधूरी नींद आपके सेहत पर बुरा असर डालती है, आप कई बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।
अधूरी नींद लेने वालों को बदन दर्द, सिरदर्द, थकान आदि की समस्या होने लगती है। अच्छी नींद न आने की वजह से थकान और चिड़चिड़ा पन बढ़ता है ।
नींद का पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। नींद पूरी न होने के कारण पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन की मात्रा कम हो जाती है।
रात में अच्छी नींद ना आने के कारण लोग सुबह उठने के बाद ताजगी महसूस नहीं कर पाते है और नींद पूरी न होने के कारण दिनभर आलस बना रहता है।
पर्याप्त नींद न लेने की वजह से हृदय संबंधित बीमारियाँ होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है। स्ट्रोक आने का खतरा अधिक होता है। सुगर(मधुमेह) जैसे रोग भी पनपने लगते हैं।
अच्छी नींद न लेने की वजह से चिड़चिड़पन आता है। जिन लोगो में नींद की समस्या होती है उनको जल्दी गुस्सा आता है । इससे ब्लड प्रेशर की समस्या बन जाती है। मोटापे की समस्या का मुख्य कारण भी सही से नहीं सो पाना होता है ।
अच्छी नींद के लिए आजमाएँ:
रोज रात को सोने से पहले गर्मियों में नहाने से अच्छी नींद आती है। सर्दियों में अच्छे से हाथ पैर मुहँ धोकर सोना अच्छी नींद दिलाता है।
यदि नींद न आ रही हो तो सोने के समय स्लो म्यूजिक का सहारा ले सकते हैं या फिर सटीक इलाज किताब पढ़े जिससे थोड़ी ही देर में अच्छी नींद आ जाती है।
कई लोगों को मालिश से अच्छी नींद आती है।
अच्छी नींद मतलब बेहतर स्वास्थ्य... लिहाज़ा मन भर के सोएं और स्वस्थ रहें।
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