भारत के पहले लोकपाल


लोकपाल चयन समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी शामिल हुए।





समिति में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम भी था लेकिन उन्होंने मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया ।





सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया गया। केंद्र सरकार ने मंगलवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की।





प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने जस्टिस घोष सहित बाकी सदस्यों के नाम की सिफारिश की थी, जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी।





राष्ट्रपति ने जस्टिस दिलीप बी भोंसले, जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती, जस्टिस अभिलाषा कुमारी और जस्टिस एके त्रिपाठी को न्यायिक सदस्य नियुक्त किया ।





दिनेश कुमार जैन, अर्चना रामासुंदरम, महेंद्र सिंह और डॉ. आईपी गौतम बतौर सदस्य नियुक्त किए गए है ।





जस्टिस घोष आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस भी रहे हैं। जस्टिस घोष को मानवाधिकार कानूनों पर उनकी बेहतरीन समझ और विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है।





वह जून 2017 सेराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के भी सदस्य हैं। 





जस्टिस पीसी घोष का पूरा नाम पिनाकी चंद्र घोष है ।
जस्टिस पीसी घोष ने ही शशिकला और अन्य को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराया था ।


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